मीठे पानी में मोती पालन
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Abstract
एक प्राकृतिक मोती तब बनता है, जब कोई बाह्म पदार्थ जैसे कि रेत का कण या परजीवी, मोलस्क की विशेष प्रजाति में अपना रास्ता बना लेता है और उससे बाहर नहीं आ पाता है। एक रक्षा तंत्रा के रूप में, जीवित जीव मोलस्क (सीप) अपने नरम आंतरिक शरीर को ढकने के लिए विशेष पदार्थ स्रावित करता है, जिसे नैकर (चमकदार परत) के नाम से जाना जाता है। मोती संवर्धन में इस सरल प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। संवर्धित मोती समुद्री और मीठे पानी, दोनों ही वातावरण में पैदा होते हैं। मोती की गुणवत्ता जीवित सीप के मोती थैली के स्राव से निर्धारित होती है। इस प्रकार मेन्टल ऊतक का बाहरी भाग मोती के जैव-खनिजीकरण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। मोती की पूरे विश्व में बहुत मांग है। भारत और अन्य जगहों पर मोतियों की मांग बढ़ रही है। अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण प्रकृति में इनकी आपूर्ति कम हो गई है।
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