लसोड़ा से कम लागत में अधिक आमदनी


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लेखक

  • अनोप कुमारी कृषि विज्ञान केन्द्र, मौलासर, नागौर (कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान)
  • महेश चौधरी कृषि विज्ञान केन्द्र, मौलासर, नागौर (कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान)
  • अर्जुन सिंह जाट कृषि विज्ञान केन्द्र, मौलासर, नागौर (कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान)

सार

लसोड़ा जिसे गोंदा भी कहते हैं, बोरेजिनेसी कुल का पौध है। यह कॉर्डिया वंश के अंतर्गत आता है एवं इसका वैज्ञानिक नाम कॉर्डिया मिक्सा है। यह लेहसूआ, गूंदी, गोंदबेरी, इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। इसे रेगिस्तान की चेरी भी कहते हैं। आम के आम, गुठलियों के दाम’ वाली कहावत इसके लिए सटीक बैठती है। अगर किसान, पौधें का रोपण खेत के चारों ओर वायुरोधक वृक्ष के रूप में करते हैं तो यह फसलों की शीतलहर एवं गर्मी से तो रक्षा करता ही है, साथ में पौधें से फल भी प्राप्त होते रहते हैं।

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प्रकाशित

2023-01-10

कैसे उद्धृत करें

कुमारी अ., चौधरी म., & जाट अ. स. (2023). लसोड़ा से कम लागत में अधिक आमदनी. फल फूल, 44(1), 24–25. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/118