अंकोल का पोषण महत्व एवं उपयोग

लेखक

  • अजय कुमार भाकृअनुप- भारतीय बागवानी अनुसंधन संस्थान, हैसरघट्टा, बेंगलुरु
  • सुधीर कुमार यादव बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
  • राकेश जांगिड भाकृअनुप- भारतीय बागवानी अनुसंधन संस्थान, हैसरघट्टा, बेंगलुरु

सार

अलैंजियम सलवोपफोलियम को सामान्यतः अंकोल के नाम से जाना जाता है। यह अलैंजियेसी परिवार का प्रमुख फल है। यह एक अल्पविकसित खाद्य फल है। इसे निम्न रूप से कई नामों से जाना जाता है जैसे, हिंदी में अंकोल, संस्कृत में अंकोला और अंग्रेजी में सेज लीव्ड अलंगियम इत्यादि। यह अलंगियम वंश और अलंगियेसी परिवार से संबंधित है। यह मुख्यतः जंगली पर्णपाती रूप में पाया जाता है तथा यह जंगल एवं सड़क के किनारे वाले क्षेत्रों में काफी ज्यादा प्रचलित है। अफ्रीका, भारत, थाईलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस और चीन में विस्तृत भूभाग में इसकी खेती होती है। भारत में, यह उत्तर प्रदेश के जंगलों जैसे, लखीमपुर खीरी जिले के वन और पूर्वी यूपी आदि, बिहार, वन्यजीव अभ्यारण्य राजस्थान, हैदराबाद के जंगल, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी पाया जाता है।

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प्रकाशित

2023-05-17

कैसे उद्धृत करें

कुमार अ., यादव स. क., & जांगिड र. (2023). अंकोल का पोषण महत्व एवं उपयोग. फल फूल, 44(3), 37-38. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/349