मेंथा है बारहमासी फसल


सार
वर्तमान वैश्वीकरण के दौर में, जहां एक ओर कृषि व्यावसायीकरण की ओर गतिशील दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान आज भी परंपरागत फसलों की खेती कर रहे है। ऐसे में परंपरागत फसलों से हटकर बाजार मांग के अनुरूप कुछ नया करके किसान अपनी आय को दोगुनी कर सकते है। पिछले वर्षों से देखने में आ रहा है कि किसान मेंथा की खेती को लेकर जागरूक हो रहे है। स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मेंथा के तेल व अन्य घटकों की भारी मांग है। आज हमारा देश मेंथा उत्पादन में सबसे आगे है और इससे प्रत्येक वर्ष लगभग 800 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है।
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