ग्रीष्मकालीन मूंग की वैज्ञानिक खेती


सार
देश के उत्तर और पूर्व के सिंचित क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का क्षेत्रापफल बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। उत्तर भारत के जिन क्षेत्रों में सिंचाई की पूर्ण सुविधा है, उन क्षेत्रों के किसानों को गेहूं, मटर, मसूर, लाही, चना इत्यादि फसलों के उपरांत कम अवधि वाली मूंग प्रजाति की खेती करनी चाहिए। इससे किसानों को कम लागत और थोड़े समय में अच्छा मुनाफा मिल सकता है तथा धान की फसल लगाने से पहले खाली पड़ी जमीन का सही उपयोग भी हो जाता है।
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