ढैंचा लगायें और मृदा स्वस्थ बनायें


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लेखक

  • श्रीमन कुमार पटेल बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबारै (बिहार)
  • मनोज कुमार नव जीवन किसान पीजी कालेज, मवाना, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
  • महेंद्र सिंह बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबारै (बिहार)
  • अतुल कुमार बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबारै (बिहार)

सार

मौजूदा समय में उर्वरकों के असंतुलित मात्रा में प्रयोग करने से दिन-प्रतिदिन मृदा की उत्पादकता में ह्रास होता जा रहा है। इसका सीधा असर पफसल के उत्पादन पर पड़ रहा है, जिसके कारण उपज बढ़ने की बजाय पिछले कुछ वर्षों से घटती चली जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि मृदा में आर्गेनिक कार्बन की प्रतिशत मात्रा में कमी होना। आर्गेनिक कार्बन को पोषक तत्वों के संग्रहण के रूप में जाना जाता है। आर्गेनिक कार्बन की कमी के कारण मृदा की भौतिक, जैविक और रासायनिक गतिविधियां प्रभावित होती है, जिसके कारण मृदा उत्पादकता में कमी आती है।

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प्रकाशित

2023-05-16

कैसे उद्धृत करें

पटेल श. क., कुमार म., सिंह म., & कुमार अ. (2023). ढैंचा लगायें और मृदा स्वस्थ बनायें. खेती, 76(1), 30–31. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/319

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