बाजरे के पौष्टिक उत्पाद


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लेखक

  • कमलेश शर्मा राज बालिका माध्यमिक विद्यालय किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान)
  • रमाकान्त शर्मा कृषि विज्ञान केन्द्र अजमेर (एस.के.एन. कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर) राजस्थान

सार

आज अधिकतर लोग केवल गेहूं के आटे से बनी रोटी खाते हैं, जबकि 80 के दशक से पहले गेहूं की रोटी वार-त्यौहार एवं अतिथियों के लिये बनाई जाती थी। ज्यादातर जौ, चना, बाजरा, ज्वार और मक्का के आटे की रोटियां ही खाई जाती थीं। ये अनाज पौष्टिक तत्वों से युक्त और सेहत के लिये लाभदायक होते हैं। बाजरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। यह जानलेवा कैंसर की रोकथाम भी करता है। बाजरे में ग्लाइकेसिलेटेड हीमोग्लोबिन पाया जाता है। इसकी भारत में तेजी से बढ़ते जा रहे मधुमेह रोग के निदान में मुख्य भूमिका है। सरकार ने पोषण संबंधी जरूरतों की आपूर्ति करने के लिये बाजरे को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करने की घोषणा भी की है। बाजरे को पोषण तत्वों में समृद्ध होने के कारण न्यूट्रिया मिलेट्स/न्यूट्रिया सीरियल्स भी कहा जाता है।

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प्रकाशित

2023-05-16

कैसे उद्धृत करें

शर्मा क., & शर्मा र. (2023). बाजरे के पौष्टिक उत्पाद. खेती, 76(1), 32–34. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/320

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