परपरागण में मधुमक्खियों की उपयोगिता
सार
मधुमक्खियों को विश्व में सर्वाधिक परिचित कीट के रूप में जाना जाता है। इनके द्वारा उत्पादित शहद के स्वाद का ज्ञान मनुष्य को हजारों वर्ष पूर्व ही हो चुका था। सामान्यतः बहुत से कीट आहार की प्राप्ति के लिए पुष्पों पर जाते हैं, किन्तु मधुमक्खी ही ऐसा कीट है, जो पुष्पों से पुष्परस एवं परागकण एकत्रा करके लाती हैं। इस प्रक्रिया में मधुमक्खियां पुष्पों पर भ्रमण करती हैं। जब मधुमक्खी एक पुष्प से दूसरे पुष्प पर जाती है, उस समय परागकण उसके शरीर पर स्थित रोयों से चिपक जाते हैं। एक बार में श्रमिक मधुमक्खी कई सौ पुष्पों पर जाती है। इसके साथ ही मधुमक्खी की यह विशिष्टता होती है कि वह एक ही प्रकार के पुष्पों पर जाती है। इस प्रक्रिया में एक पुष्प के परागकोष से परागकण दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्वयं ही पहुंच जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार कई महत्वपूर्ण पफसलों में परागण के लिए इनका योगदान 80 प्रतिशत तक रहता है।
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