बायोचार का जलीय कृषि में उपयोग

लेखक

  • झाम लाल केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इम्पफाल), लेम्बूछेड़ा, त्रिपुरा-799210
  • तामेश्वर दा. श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविद्यालय (दुर्ग), राजपुर, छत्तीसगढ़-491331
  • सुपर्णा देब केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इम्पफाल), लेम्बूछेड़ा, त्रिपुरा-799210

सार

बायोचार एक कार्बन समृद्ध सामग्री है, जो एक बंद प्रणाली में बायोमास के पायरोलिसिस के दौरान कमी की प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है। बायोचार सामग्री में उच्च पानी और पोषक तत्व सोखने की क्षमता होती है और ये बेहद स्थिर होते हैं, जो कार्बनिक कार्बन से भरपूर होते हैं। ये काफी हद तक अपघटन के लिये प्रतिरोधी हैं। ये आमतौर पर पानी के लिये फिल्टर के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। विशेष रूप से पीने के पानी या जलीय कृषि के पानी के लिए। जलीय कृषि के लिये अपशिष्ट जल का उपयोग चलन में नया है और इसका महत्वपूर्ण प्रभाव ‘अपशिष्ट’ पानी के पुनः उपयोग पर केंद्रित है। इस पानी में कई वायरस, बैक्टीरिया और रोगाणु पाये जाते हैं। फिल्टर के माध्यम से अपशिष्ट जल से रोगाणुओं को हटाने की दक्षता फिल्टर सामग्री की सोखने की क्षमता, पिफल्टर सतहों पर बनने वाले बायोफिल्म की विशेषताओं पर निर्भर करती है।

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प्रकाशित

2023-05-16

अंक

खंड

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कैसे उद्धृत करें

लाल झ., तामेश्वर, & देब स. (2023). बायोचार का जलीय कृषि में उपयोग. खेती, 76(1), 55-57. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/330