मई के मुख्य कृषि कार्य

लेखक

  • राजीव कुमार सिंह भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012
  • कपिला शेखावत भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012
  • प्रवीण कुमार उपाध्याय भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012
  • एस.एस. राठौर भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012
  • संदीप कुमार सिंह भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012

सार

मई माह, जिसे आप वैशाख-ज्येष्ठ भी कहते हैं, में ग्रीष्म ऋतू का आगमन होता है। कृषि अनुसंधान और विकास के लिए किए गये, प्रतिबद्ध प्रयासों के कारण आज जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव, कृषि जोतों के आकार में कमी, बढ़ते शहरीकरण, लगातार जनसंख्या वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के परिदृश्य में भारतीय कृषि पर अत्यधिक दबाव के बावजूद उत्पादन और उत्पादकता की सीमाओं को पार करने में सफलता प्राप्त हुई है। अनुसंधान प्रयासों को प्रयोगशाला से खेत तक पहुंचाने के लिए यह अत्यावश्यक है कि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नई तकनीकों, उन्नत प्रजातियों व नवीन अनुसंधानों की जानकारी कृषक समुदाय तक उनकी ही भाषा में सहज व सरल रूप से स्थानांतरित की जाए।

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प्रकाशित

2023-05-16

अंक

खंड

Articles

कैसे उद्धृत करें

सिंह र. क., शेखावत क., उपाध्याय प. क., राठौर ए., & सिंह स. क. (2023). मई के मुख्य कृषि कार्य. खेती, 76(1), 64-78. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/333