बायोफ्लाॅकः कम पानी में अधिक मछली उत्पादन

लेखक

  • दीपेंद्र सिंह कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बीदर, काॅलेज ऑफ़ फिशरीज, मैंगलोर-575002
  • तामेश्वर कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बीदर, काॅलेज ऑफ़ फिशरीज, मैंगलोर-575002
  • सत्यवीर कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बीदर, काॅलेज ऑफ़ फिशरीज, मैंगलोर-575002

सार

बी.एपफ.टी. या बायोफ्रलाॅक एक पर्यावरण अनुकूल जलकृषि तकनीक है और यथावत सूक्ष्मजीव उत्पादन पर आधारित है। बायोफ्रलाॅक तालाबों/टैंकों में निलंबित वृद्धि है और जीवित तथा मृत कण कार्बनिक पदार्थ, पफाइटोप्लांकटन, बैक्टीरिया एवं जीवाणुओं का समुच्चय है। यह तालाब/टैंक के भीतर ही माइक्रोबियल प्रक्रियाओं का उपयोग है। यह जीवों के लिए खाद्य संसाधन उपलब्ध करवाता है, जबकि एक ही समय में यह जल उपचार उपाय के रूप में भी कार्य करता है। इस प्रकार, इस प्रणाली को सक्रिय निलंबन तालाब या हेट्रोट्राॅपिक तालाब या हरा सूप तालाब भी कहा जाता है।

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प्रकाशित

2023-06-27

अंक

खंड

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कैसे उद्धृत करें

सिंह द., तामेश्वर, & सत्यवीर. (2023). बायोफ्लाॅकः कम पानी में अधिक मछली उत्पादन. खेती, 76(2), 8-10. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/428