अमरूद की पैदावार बढ़ाएं


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Authors

  • आराधना कुमारी कृषि महाविद्यालय, ज.ने.कृवि. वि., गंजबासोदा, मध्य प्रदेश
  • संतोष कुमार सिंह राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार
  • एस. के. मिश्रा शुष्क उद्यानिकी अनुसंधन एवं प्रशिक्षण केंद्र, गढ़ाकोटा, सागर, मध्य प्रदेश

Abstract

अमरूद (सिडियम गुआजावाएल.) को गरीबों का सेब माना जाता है। यह भारत के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक है। मौजूदा अमरूद उत्पादन प्रणाली मांग को पूरा नहीं कर पा रही है। ऐसे में विकास नियामकों का प्रयोग कर अमरूद उत्पादकता को बढ़ाना एक सार्थक और सरल पहल हो सकती है। वृद्धि नियामक अमरूद के बीज अंकुरण, कटिंग और स्टूलिंग, एअर लेयरिंग द्वारा प्रसार, फूलन, फलन, फल वृद्धि एवं विकास, चंदवा प्रबंध्न, पफसल नियमन तथा फलों के झड़न, अमरूद की निधनी आयु बढ़ाने, गुणवत्ता मानकों में सुधार तथा सूक्ष्म-प्रजनन में विशेष भूमिका निभाते हैं। इस तरह से अमरूद की उत्पादकता तथा गुणवत्ता को बढ़ाकर किसान अध्कि आय प्राप्त कर सकते हैं।

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Submitted

2024-06-24

Published

2024-06-25

How to Cite

आराधना कुमारी, संतोष कुमार सिंह, & एस. के. मिश्रा. (2024). अमरूद की पैदावार बढ़ाएं. फल फूल, 45(3), 13-14. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/1175