अनन्नास की अधिक उपज

Authors

  • आर.के. झाड़े कृषि विज्ञान केंद्र-II, देलाखारी, तामिया, जिला छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
  • टी.आर. शर्मा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश
  • सुरेंद्र पन्नासे कृषि विज्ञान केंद्र, चंदनगांव, जिला छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
  • पी.एल. अम्बुलकर कृषि विज्ञान केंद्र, डिंडोरी, मध्यप्रदेश
  • डी.सी. श्रीवास्तव कृषि विज्ञान केंद्र, चंदनगांव, जिला छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश

Abstract

देश में अनन्नास की चार प्रजातियों के फलों का उत्पादन किया जाता है। इसमें से क्वीन प्रजाति का फल अत्यंत ही स्वादिष्ट और उत्पादन की दृष्टि से श्रेष्ठ होता है। इसलिए देलाखारी, तामिया की जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र के फार्म में लगभग 1500 वर्ग मीटर क्षेत्रा में दोहरी पंक्ति पद्धति द्वारा अनन्नास की 5500 स्लिप्स को प्रयोग के तौर पर लगाया गया। अत्याधुनिक उद्यानिकी की तकनीकों द्वारा लगाए जाने और समुचित देखरेख के कारण पौधें में किसी प्रकार के कीट एवं रोग का प्रादुर्भाव नहीं देखने को मिला है। अनन्नास के पौधें में पर्याप्त फल इसके सफलतम परिणाम को दर्शाते हैं। प्राप्त फलों में इसके मूल फलों की तरह गुण देखे गए। अब इसे स्थानीय किसानों को अपने खेतों में लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और पौधों का वितरण कृषि विज्ञान केंद्र, देलाखारी, तामिया द्वारा किया जा रहा है। इससे जिले के किसान लाभान्वित एवं आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे।

Downloads

Download data is not yet available.

Downloads

Published

2024-06-25

How to Cite

आर.के. झाड़े, टी.आर. शर्मा, सुरेंद्र पन्नासे, पी.एल. अम्बुलकर, & डी.सी. श्रीवास्तव. (2024). अनन्नास की अधिक उपज. फल फूल, 45(3), 24-25. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/1180