उत्तर भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती


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Authors

  • तेजबल सिंह उद्यान विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  • जे.एस. बोहरा उद्यान विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  • प्रियांशु सिंह उद्यान विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  • आनन्द कुमार सिंह उद्यान विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी

Abstract

स्ट्राॅबेरी एक शाकीय, छोटा, कोमल तथा बहुवर्षीय पौध है जिसका वानस्पतिक नाम फ्रेगेरिया अननासा है। यह रोजेसी कुल का सदस्य है। स्ट्राॅबेरी के पफल मध्यम आकार (10 से 15 ग्राम), चित्ताकर्षक, सुवासयुक्त और सिंदूरी रंग लिए हुए बहुत ही नरम बड़े लुभावने, रसीले एवं पौष्टिक होते हैं। इनका खाने योग्य भाग लगभग 98 प्रतिशत है। इसमें विटामिन-सी तथा लौह तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध् होते हैं। यह अन्य पफल वाली पफसलों की तुलना में उपलब्धि (3 से 4 महीने) में ज्यादा मुनापफा देती है।

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2022-11-16

Published

2022-11-16

How to Cite

सिंह त., बोहरा ज., सिंह प., & सिंह आ. क. (2022). उत्तर भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती. फल फूल, 43(6), 24-27. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/18