लीची की बागवानी


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लेखक

  • एस.के. सिंह कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ (म.प्र.), जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
  • एस.के. खरे कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ (म.प्र.), जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
  • जयपाल छिगारहा कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ (म.प्र.), जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
  • बी. एस. किरार कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ (म.प्र.), जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय

सार

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधर और किसानों की आय का प्रमुख स्रोत आज भी खेती है। उत्तरप्रदेश में लीची की बागवानी सहारनपुर तथा बिहार में मुजफ्रपफरपुर आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक की जाती है। लीची के फलों में कार्बाेहाइड्रेट, फाॅस्पफोरस एवं विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। यह एक व्यावसायिक महत्व की फसल है।

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प्रकाशित

2023-05-17

कैसे उद्धृत करें

सिंह ए., खरे ए., छिगारहा ज., & किरार ब. ए. (2023). लीची की बागवानी. फल फूल, 44(3), 20–21. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/342