बैंगन में समेकित फसल प्रबंधन तकनीक


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लेखक

  • एस.एस. सिंह गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, मटेला, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
  • राकेश मेर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, मटेला, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
  • रेनू गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, मटेला, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड

सार

बैंगन की फसल में समेकित प्रबन्धन से सम्बन्धित तकनीकों, जैसे अधिक उत्पादन देने वाली संकर किस्म ‘शामली‘ के लगभग 200 प्रदर्शनों का आयोजन जनपद देहरादून एवं अल्मोड़ा के कृषक प्रक्षेत्रों पर पिछले पांच वर्षाे में किया गया। इन प्रदर्शनों में संतुलित पोषण प्रबन्धन पर आधरित पोषक तत्वों जैसे रोपाई के समय सड़ी गोबर की खाद, फसल की वानस्पतिक एवं प्रजनन बृद्धि अवस्था में एन.पी.के. 19ः19ः19, एन.पी.के. 0ः0ः50, सागरिका तरल तथा कीटों एवं रोगों के प्रबन्धन हेतु नियमित अन्तराल पर फसल निगरानी के आधर पर आवश्यकतानुसार मान्यता प्राप्त नाशीजीव रसायनों का प्रयोग किसानों की सहभागिता से किया गया। इन तकनीकी प्रदर्शनों में विभिन्न तकनीकों के एकीकृत प्रयोग से बैंगन की फसल से लगभग 52 मीट्रिक टन उत्पादन प्रति हैक्टर तथा लगभग रु. 3.50 लाख की शुद्ध आय प्रति हैक्टर किसानों को प्राप्त हुई। इस प्रकार इन तकनीकों को अपनाकर देश के किसान बैंगन की खेती को और अधिक लाभकारी बना सकते है।

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प्रकाशित

2023-05-17

कैसे उद्धृत करें

सिंह ए., मेर र., & रेनू. (2023). बैंगन में समेकित फसल प्रबंधन तकनीक. फल फूल, 44(3), 46–48. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/353