आंवला में कीट और रोग प्रबंधन

लेखक

  • विजेन्द्र कुमार भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधन संस्थान, नई दिल्ली
  • राजेश भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधन संस्थान, नई दिल्ली
  • देविंदर सिंह भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधन संस्थान, नई दिल्ली
  • मनोज कुमार अखिल भारतीय बाजरा परियोजना जोधपुर, राजस्थान
  • शकुंतला उत्तराखंड विश्वविद्यालय टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड

सार

आंवला की खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है। आंवले का प्रयोग प्रकार के रोगों से बचने के लिए करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण औषधीय फल है। यह विटामिन सी का सर्वाेतम स्रोत है। आंवले के 100 ग्राम रस में 921 मि.ग्रा. और गूदे में 720 मि.ग्रा. विटामिन सी पाया जाता है। आद्र्रता 81.2, प्रोटीन 0.5, वसा 0.1, खनिज द्रव्य 0.7, कार्बाेहाइड्रेट्स 14.1, कैल्शियम 0.05, फाॅस्पफोरस 0.02 प्रतिशत लौह 1.2 मि.ग्रा., निकोटिनिक एसिड 0.2 मि.ग्रा. पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें गैलिक एसिड, टैनिक एसिड, शर्करा (ग्लूकोज), एलब्यूमिन आदि तत्व भी पाए जाते हैं।

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प्रकाशित

2023-05-17

कैसे उद्धृत करें

आंवला में कीट और रोग प्रबंधन. (2023). फल फूल, 44(3), 49-50. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/354