मशरूम का भरपूर उत्पादन
Abstract
वर्तमान समय में भारत में मशरूम उत्पादन का प्रचलन काफी बढ़ता जा रहा है। भारतीय समाज जैसे-जैसे आधुनिकता की ओर अग्रसर हो रहा है, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ रही है और लोग पोषण तत्व युक्त और गुणकारी भोजन लेना पसंद कर रहे हैं। मशरूम कवक प्रजाति के मृतोपजीवी सदस्य हैं और ये साधरणतः ‘खुम्ब’ एंवम ‘साँप की छतरी’ के नाम से बहुप्रचलित हैं। प्रायः वर्षा ट्टतु में छत्तेदार आकार में रंग-बिरंगे पौधें जैसी आकृतियाँ अक्सर खेतों तथा घरों के आस-पास पड़े मृत कार्बनिक पदार्थों पर उगती हुई देखी जा सकती हैं। हरित पदार्थ ‘क्लोरोफिल’ के अभाव के कारण यह स्वयं भोजन उत्पादन में सक्षम नहीं होते हैं बल्कि पौधों पर पोषण हेतु निर्भर करते हैं। एक अनुमान के अनुसार 1.1 लाख कवक प्रजातियाँ ज्ञात हैं जिनमें से 14000 मशरूम प्रजातियाँ हैं परंतु ये सभी खाने योग्य नहीं होती हैं। कुछ मशरूम प्रजातियाँ जहरीली भी पायी गयी हैं। इनमें से केवल 60-70 प्रजातियों की खेती
व्यावसायिक रूप से की जाती है और लगभग 10 की खेती औद्योगिक पैमाने पर की जाती है।
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