चुकंदर का मूल्य संवर्धन

लेखक

  • पूनम महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
  • मनीषा वर्मा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
  • एस. एस. लखावत महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर
  • सुभिता कुमावत श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर

सार

चुकंदर का सेवन सब्जी और सलाद के रूप में किया जाता है। इसका जूस निकाल कर रोजाना पिया जा सकता है। बेटनिन, चुकंदर की जड़ से प्राप्त होता है जिसका उपयोग खाद्य-पदार्थ में रंग के रूप में किया जाता है, जैसे- टमाटर के पेस्ट, साॅस, डेसर्ट, जैम-जेली, आइसक्रीम और कैंडी इत्यादि। इसमें कार्बोहाईड्रेट, सोडियम, पोटेशियम, फाॅस्पफोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन बी-1 और बी-2 पाया जाता है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर चुकंदर विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है। यह शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से हीमोग्लोबिन बढ़ता है व रक्त शुद्ध होता है। इसमें कैलोरी काफी कम होती है। इसमें कम मात्रा में प्रोटीन और वसा पायी जाती है।

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प्रकाशित

2023-07-05

कैसे उद्धृत करें

पूनम, वर्मा म., लखावत ए. ए., & कुमावत स. (2023). चुकंदर का मूल्य संवर्धन. फल फूल, 44(4), 13-14. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/486