शकरकंद की उन्नत खेती

लेखक

  • आदित्य तिवारी किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग,सतना, म.प्र.
  • डी.पी. राय म.गां.चि.गां.वि., चित्राकूट, सतना, म.प्र.
  • श्रेया तिवारी म.गां.चि.गां.वि., चित्राकूट, सतना, म.प्र.

सार

शकरकंद प्राकृतिक रूप से मीठी जड़ वाली कंदवर्गीय फसल है। यह एक सपुष्पक पौध है। इसकी रूपान्तरित जड़ की उत्पत्ति तने के पर्वसन्ध्यिों से होती है। यह जमीन के अन्दर प्रवेश कर पफूल जाती है और फूली हुई जड़ में कापफी मात्रा में कार्बाेहाइड्रेट इकट्ठा हो जाता है। जड़ का रंग लाल या भूरा होता है एवं यह अपने अन्दर आहार संग्रह करती है। यह आलू की प्रजाति का सदस्य है, परन्तु इसमें मिठास एवं स्टार्च की मात्रा आलू से अध्कि होती है।

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प्रकाशित

2024-06-25

कैसे उद्धृत करें

आदित्य तिवारी, डी.पी. राय, & श्रेया तिवारी. (2024). शकरकंद की उन्नत खेती. फल फूल, 45(3), 22-23. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/1179