एरोपोनिक्स विधि से हवा में आलू उत्पादन

लेखक

  • विनय कुमार गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उधमसिंह नगर (उत्तराखड)
  • एस.के. मौर्या गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उधमसिंह नगर (उत्तराखड)
  • अर्जुन सिंह बागवानी और वानिकी महाविद्यालय, पासीघाट, पूर्वी सियांग, अरुणाचल प्रदेश
  • प्रियंका बागवानी और वानिकी महाविद्यालय, पासीघाट, पूर्वी सियांग, अरुणाचल प्रदेश
  • अमित कुमार सिंह भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्राीय केंद्र, पुणे सर्वे सं. 125ए, बाणेरपफाटा, आई.टीआई. रोड, औंध्, पुणे

सार

एरोपोनिक्स विधि में आलू उत्पादन को अध्कि कुशल बनाने के लिए कई गुण होते हैं। आलू की लगातार एक ही तरह की किस्मों का इस्तेमाल करने से इसके उत्पादन में अध्कि पैदावार और कम पैदावार के बीच अंतर होता है। मिट्टी की कम उर्वरता, मृदाजनित रोगों, खराब पानी की गुणवत्ता और कीटों से अत्यध्कि प्रभावित पौधे एवं अन्य कारण विकासशील देशों में आलू के उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। आलू की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधर के लिए यह जरूरी है कि इसकी खेती की तकनीकों में सुधर किया जाए। यह तकनीक विकासशील देशों में आलू उत्पादन के लिए मजबूत ढांचा और क्षमता प्रदान करती है।

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प्रकाशित

2024-06-25

कैसे उद्धृत करें

विनय कुमार, एस.के. मौर्या, अर्जुन सिंह, प्रियंका, & अमित कुमार सिंह. (2024). एरोपोनिक्स विधि से हवा में आलू उत्पादन. फल फूल, 45(3), 26-27. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/1181