शीत ऋतु में बागों की देखभाल
सार
इस द्विमाही उत्तर भारत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड, कोहरे-पालों से भरे दिन एवं पर्वतीय क्षेत्रों में बपर्फबारी शीत ऋतु की पूर्ण अभिव्यत्तिफ के संकेत हैं। इस ऋतु में उत्तर-पूर्व पवन पूरे देश में भूमि से समुद्र की तरफ बहती है जिसके कारण सामान्यतया मौसम में शुष्कता बनी रहती है। भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में पश्चिमी विक्षोभ के कारण इस दौरान वर्षा भी होती है। इस वर्ष, जहां एक तरफ मौसमी घटना ‘ला नीना’ के जनवरी-पफरवरी, 2023 तक बने रहने की आशंका है, वहीं दूसरी ओर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सर्दी के महीनों के अपेक्षाकृत गर्म रहने का पूर्वानुमान बताए गए हैं। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में सफल बागवानी करने के लिए किसान बहनों-भाइयों को पूर्व से कहीं अधिक सजग रहने की आवश्यकता है।
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