गर्मियों में उपोष्ण फलों के बागों की देखभाल


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लेखक

  • नरेश बाबू भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, डाकघर-काकोरी, लखनऊ, उ.प्र. (भारत)
  • तरुण अदक भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, डाकघर-काकोरी, लखनऊ, उ.प्र. (भारत)

सार

ग्रीष्म ऋतु प्रारम्भ हो चुकी है। इस ऋतु में बागों को स्वस्थ रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अगर बागों की उचित देखभाल न की गई तो बागों की उत्पादकता अधिक प्रभावित हो सकतीे है। इनमें होने वाला फलोत्पादन कम होने के साथ उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। इस ऋतु में बागों में की जाने वाली कृषि क्रियाओं पर भी प्रभाव पड़ता है। इन दिनों उपोष्ण फलों जैसे आम, लीची, केला आदि में फल लगने एवं फल बढ़ने की क्रियाएं भी शुरू हो जाती हैं और अमरूद में बहार नियंत्रित करने की प्रक्रिया करनी होती है। ग्रीष्म ऋतु में अपने बागों में आवश्यक कृषि क्रियायें अपनाकर उन्हे स्वस्थ बनाये रख सकते हैं तथा उच्च गुणवत्तायुत्त फलोत्पादन ले सकते हैं।

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प्रकाशित

2023-05-17

कैसे उद्धृत करें

बाबू न., & अदक त. (2023). गर्मियों में उपोष्ण फलों के बागों की देखभाल. फल फूल, 44(3), 24–25. Retrieved from https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/344