जुलाई-अगस्त माह में बागों की देखभाल

लेखक

  • हरे कृष्ण भाकृअनुप-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • अरविंद कुमार सिंह केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थानद्ध, वेजलपुर (गोधरा), गुजरात
  • दीपक कुमार सरोलिया भा.कृ.अनु.प-केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीछवाल, बीकानेर

सार

बिना जल मानव-सभ्यता की कल्पना कर पाना भी कठिन है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में वर्षा ट्टतु में बरसने वाला जल कृषि की अधिकतर जल-संबंधी आवश्यकताओं को पूर्ण करता है। बरसात के दिनों में जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियां, तालाब, गड्ढे आदि पानी से भर जाते हैं। जुलाई-अगस्त (सावन-भादो) में होने वाली वर्षा पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों से लेकर मनुष्य तक में उल्लास और उत्साह का संचरण कर देती है। इस ऋतु में वानस्पतिक वृद्धि अधिक होने के कारण चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है। अतः बागों में खरपतवार भी बहुतायत में हो जाते हैं। अनुकूल तापमान और आद्र्रता के कारण, इस ऋतु में कीटों और व्याधियों का प्रकोप अधिक हो जाता है।

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प्रकाशित

2023-07-05

कैसे उद्धृत करें

कृष्ण ह., सिंह अ. क., & सरोलिया द. क. (2023). जुलाई-अगस्त माह में बागों की देखभाल. फल फूल, 44(4), 39-43. https://epatrika.icar.org.in/index.php/phalphool/article/view/499