कृषि श्रमिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा

लेखक

  • कंचन शिला कृषि विज्ञान केंद्र हनुमानगढ़-।। (नाहेर), राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान)
  • सुरेश चंद कांटवा कृषि विज्ञान केंद्र हनुमानगढ़-।। (नाहेर), राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान)
  • अक्षय घिंटाला कृषि विज्ञान केंद्र हनुमानगढ़-।। (नाहेर), राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान)
  • सुनील कुमार यादव कृषि विज्ञान केंद्र हनुमानगढ़-।। (नाहेर), राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान)

सार

किसानों व कृषि श्रमिकों में किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या की अपेक्षा पीठ, कंधों, बाहों और हाथों में दर्द आम हैं। ये दर्द लम्बे समय तक रहें, तो इनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ये अक्सर कार्य के दौरान लंबे समय तक असुविधाजनक शारीरिक मुद्राओं, अनुशंसित से अधिक वजन उठाने की स्थिति में होते हैं। इनके अलावा ये दर्द ऐसे कृषि उपकरणों के साथ काम करने से, जो एर्गोनाॅमिक्स पर आधारित नहीं होते, बार-बार दोहराए जाने वाला कार्य और कार्य की अत्यधिक गति जैसी स्थितियों के कारण भी होते हैं। इन सभी समस्याओं का हल कृषि एर्गोनाॅमिक्स है। प्रत्येक कार्य करने का एक सही और आसान तरीका होता है। एर्गोनाॅमिक्स, कार्यशैली में दक्षता का अध्ययन है। यह किसानों और श्रमिकों की कार्य सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। किसानों और श्रमिकों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की आशंकाओं को कम करने के लिए एर्गोनाॅमिक्स के अंतर्गत कार्य, कार्यस्थल व कार्यकर्ता पर अनुशंसाएं प्रदान की जाती हैं।

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प्रकाशित

2024-06-19

कैसे उद्धृत करें

कंचन शिला, सुरेश चंद कांटवा, अक्षय घिंटाला, & सुनील कुमार यादव. (2024). कृषि श्रमिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा. खेती, 76(12), 16-18. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/1115