सूरजमुखी की खेती

लेखक

  • नरेंद्र कुमार सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, प्रयागराज
  • वी.एम. प्रसाद सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, प्रयागराज
  • बालाजी विक्रम बांदा कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय (बांदा)

सार

सूरजमुखी का फूल देखने में सुन्दर और आकर्षक होता है। जितना ज्यादा यह मनमोहक होता है, उससे ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होता है। विश्व के कई हिस्सों में सूरजमुखी की खेती की जाती है। इस फूल को सूर्यमुखी के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम हेलियनथस एनस है। इस पफूल की खेती लगभग सभी देशों में की जाती है। यह अमेरिका का देशज फूल है। यहां इस पौधे को वार्षिक पौधे के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर इसे वर्ष के सभी महीनों में उगाया जाता है। सूरजमुखी कंपोजिटी कुल के हेलिएंथस कुल का एक सदस्य है। इसमें लगभग साठ प्रजातियां पायी जाती हैं। सूरजमुखी मूल रूप से अमेरिका में उगाया जाता है। इसके अलावा इस पौधे की खेती डेनमार्क, स्वीडन, रूस, मिस्र, भारत और ब्रिटेन सहित कई देशों में की जाती है। इसे सूर्यमुखी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह सूरज की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त के समय तक सूर्य की ओर झुका रहता है। पौधे सूरज की ओर झुकते हैं, लेकिन सूरजमुखी के फूल को कुछ देर लगातार देखें, तो आप इसको घूमता हुआ महसूस कर सकते हैं।

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प्रकाशित

2024-06-19

कैसे उद्धृत करें

नरेंद्र कुमार, वी.एम. प्रसाद, & बालाजी विक्रम. (2024). सूरजमुखी की खेती. खेती, 76(12), 42-45. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/1126