टिकाऊ खाद्य उत्पादन के लिए एकीकृत कृषि
सार
एकीकृत कृषि प्रणाली, परिवार के सदस्यों को संतुलित आहार की उपलब्धता तथा कुल शुद्ध आय को अधिकतम करके जीवन स्तर में सुधार कर सकती है। इनके अलावा यह प्रणाली अधिक रोजगार प्रदान करके, जोखिम और अनिश्चितताओं को कम करके तथा किसानों को आत्मनिर्भर एकीकृत बनाकर कई उद्देश्यों को पूरा करती है। पर्यावरण के साथ सामंजस्य के लिए भारत में पशुधन, मुर्गीपालन, पफसलें और बागवानी की समृद्ध विविधता है। सतत विकास के लिए राष्ट्रीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, खेती की प्रणाली समग्र कृषि उत्पादकता, लाभप्रदता में सुधार, रोजगार के अवसर पैदा करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और कृषि उपोदत्पादों के प्रभावी पुनर्चक्रण तथा उपलब्ध संसाधनों के कुशल उपयोग द्वारा कृषि पारिस्थितिकी तंत्रा की स्थिरता को बनाए रखने के लिए बहुत आशाजनक है। एकीकृत कृषि प्रणाली ग्रामीण समुदाय के समग्र उत्थान और प्राकृतिक संसाधनों और पफसल विविधता के संरक्षण के लिए अद्वितीय दृष्टिकोण है।
Downloads
##submission.downloads##
प्रकाशित
अंक
खंड
अनुज्ञप्ति
Copyright (c) 2024 खेती
यह काम Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License के तहत लाइसेंस प्राप्त है.
खेती में प्रकाशित लेखों का कॉपीराइट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पास निहित है, जिसे भारत या विदेश में किसी भी संगठन के साथ किसी भी समझौते में प्रवेश करने का अधिकार है, जो रिप्रोग्राफी, फोटोकॉपी, भंडारण और सूचना के प्रसार में शामिल है। इन पत्रिकाओं में सामग्री का उपयोग करने में परिषद को कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते जानकारी का उपयोग अकादमिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा हो, लेकिन व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं। आईसीएआर को देय क्रेडिट लाइन दी जानी चाहिए जहां सूचना का उपयोग किया जाएगा।