टिकाऊ खाद्य उत्पादन के लिए एकीकृत कृषि

लेखक

  • हेमराज मीना रिमट यूिनवर्सिटी, मंडी-गोबिंदगढ़ (पंजाब)
  • साक्षी मनकोटिया रिमट यूिनवर्सिटी, मंडी-गोबिंदगढ़ (पंजाब)
  • मीना रानी कृषि विकास अधिकारी, पंजाब सरकार, श्रीपफतेहगढ़ साहिब (पंजाब)

सार

एकीकृत कृषि प्रणाली, परिवार के सदस्यों को संतुलित आहार की उपलब्धता तथा कुल शुद्ध आय को अधिकतम करके जीवन स्तर में सुधार कर सकती है। इनके अलावा यह प्रणाली अधिक रोजगार प्रदान करके, जोखिम और अनिश्चितताओं को कम करके तथा किसानों को आत्मनिर्भर एकीकृत बनाकर कई उद्देश्यों को पूरा करती है। पर्यावरण के साथ सामंजस्य के लिए भारत में पशुधन, मुर्गीपालन, पफसलें और बागवानी की समृद्ध विविधता है। सतत विकास के लिए राष्ट्रीय संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, खेती की प्रणाली समग्र कृषि उत्पादकता, लाभप्रदता में सुधार, रोजगार के अवसर पैदा करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और कृषि उपोदत्पादों के प्रभावी पुनर्चक्रण तथा उपलब्ध संसाधनों के कुशल उपयोग द्वारा कृषि पारिस्थितिकी तंत्रा की स्थिरता को बनाए रखने के लिए बहुत आशाजनक है। एकीकृत कृषि प्रणाली ग्रामीण समुदाय के समग्र उत्थान और प्राकृतिक संसाधनों और पफसल विविधता के संरक्षण के लिए अद्वितीय दृष्टिकोण है।

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प्रकाशित

2024-06-25

अंक

खंड

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कैसे उद्धृत करें

हेमराज मीना, साक्षी मनकोटिया, & मीना रानी. (2024). टिकाऊ खाद्य उत्पादन के लिए एकीकृत कृषि. खेती, 77(2), 18-19. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/1193