पोषण से भरपूर केंचुआ खाद

लेखक

  • शोभन देबनाथ भाकृअनपु -केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसन्धान संस्थान, झांसी-284003 (उत्तर प्रदेश)
  • श्रवण लाल यादव रानी लक्ष्मी र्बाइ केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी-284003, (उत्तर प्रदेश)
  • आशाराम भाकृअनपु -केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसन्धान संस्थान, झांसी-284003 (उत्तर प्रदेश)
  • सुशील कुमार भाकृअनपु -केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसन्धान संस्थान, झांसी-284003 (उत्तर प्रदेश)
  • ए. अरुणाचलम भाकृअनपु -केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसन्धान संस्थान, झांसी-284003 (उत्तर प्रदेश)

सार

कृषि वानिकी, खेती करने की एक महत्वपूर्ण पक्ति है। इसमें फसलों के साथ पेड़ों को उगाया जाता है। खेती की इस पक्ति में पेड़ों से बहुतायत मात्रा में पत्तियां प्राप्त होती हैं। इन पत्तियों को एकत्रा करके इनका सदुपयोग केंचुआ खाद बनाने में किया जाता है। पेड़ों की पत्तियों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं। इन पत्तियों से उत्पादित केंचुआ खाद, अन्य माध्यमों से निर्मित केंचुआ खाद से ज्यादा अच्छी एवं उत्तम किस्म की होती है। केन्द्रीय कृषि वानिकी संस्थान, झांसी में पेड़ों की पत्तियों का उपयोग करते हुए बनायी गयी केंचुआ खाद में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा अन्य माध्यम से तैयार की गयी केंचुआ खाद से बेहतर पायी गयी है। इसके साथ-साथ इसकी गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार देखा गया है। कृषि वानिकी पक्ति अपनाने से बड़ी मात्रा में पेड़ों की पत्तियां प्राप्त होती हैं। इन पत्तियों से केंचुआ खाद बनाकर न केवल अपशिष्ट पत्तियों का सही से निष्पादन किया जा सकता है, बल्कि इससे आय में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

Downloads

##plugins.themes.default.displayStats.noStats##

##submission.downloads##

प्रकाशित

2024-06-25

अंक

खंड

Articles

कैसे उद्धृत करें

शोभन देबनाथ, श्रवण लाल यादव, आशाराम, सुशील कुमार, & ए. अरुणाचलम. (2024). पोषण से भरपूर केंचुआ खाद. खेती, 77(2), 20-22. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/1194