चने का विनाशकारी उकठा रोग
सार
भारत की दलहनी फसलों में चना सबसे महत्वपूर्ण है इसलिए इसे दालों का राजा भी कहा जाता है। इसकी हरी पत्तियां साग और हरा तथा सूखा दाना सब्जी व दाल बनाने में उपयोग होते हैं। चने की दाल का छिलका और भूसा पशुओं के आहार के काम आ जाता है। दलहनी फसल होने के कारण इसकी जड़ों में वायुमंडलीय नाइट्रोजन स्थिर करने की क्षमता होती है। इससे मृदा की उर्वराशक्ति बढ़ती है। चने का उत्पादन कई प्रकार के रोगों द्वारा प्रभावित होता है परंतु उकठा रोग से इस फसल को भारी नुकसान होता है। किसान अपनी पफसलों की उचित देखभाल एवं एकीकृत रोग प्रबंधन कर उकठा रोग से निजात पा सकते हैं।
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