सीड नैनोप्राइमिंग से अधिक उपज

लेखक

  • अभिषेक सिंह कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश)
  • विष्णु राजपूत अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक, साउदर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (रूस)
  • उद्देश्य सिंह प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
  • अवनी कुमार सिंह भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई)
  • नरेंद्र प्रताप सिंह बांदा कृषि और प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा, (उत्तर प्रदेश)

सार

कृषि में माॅड्यूलेशन के लिए नैनो टेक्नोलाॅजी एक संभावित क्षेत्रा है। कृषि स्थिरता में सुधार के लिए जिन तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, उनमें से एक सीड नैनोप्राइमिंग है। यह तकनीक किसी भी असामान्य परिस्थिति में भी पौधों की वृद्धि को बढ़ा सकती है। उन्हें विभिन्न तनाव परिस्थितियों से बचा सकती है, जिससे पौधों के विकास के साथ-साथ खाद्य उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। इस प्रकार, नैनो तकनीक द्वारा बीज उपचार से कृषि में रसायनों का उपयोग करने जैसे पारंपरिक तरीकों को अत्यधिक टिकाऊ कृषि में स्थानांतरित किया जा सकता है। इस तरह की विशेषताएं संयुक्त रूप से एक ऐसी प्रणाली का नेतृत्व कर सकती हैं, जो पर्यावरणीय नुकसान को कम करती हैं और किसानों तथा उपभोक्ताओं के लिए एक बेहतर और सुरक्षित उत्पाद दे सकती हैं।

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प्रकाशित

2023-06-27

अंक

खंड

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कैसे उद्धृत करें

सिंह अ., राजपूत व., सिंह उ., सिंह अ. क., & सिंह न. प. (2023). सीड नैनोप्राइमिंग से अधिक उपज. खेती, 76(2), 39-40. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/441