पशुधन एवं दुग्ध व्यवसाय का प्रबंधन
सार
उत्तर प्रदेश राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्रा में भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों का सामना करने के लिये एकमात्रा विकल्प पशुपालन व्यवसाय ही रह जाता है। क्षेत्रा में जहां एक ओर वर्षा अभाव के कारण कृषि से जीविकोपार्जन करना अत्यंत कठिन होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक रोजगार के अवसर भी नगण्य हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण लोगों ने पशुपालन को ही जीवनशैली के रूप में अपना रखा है। पशुपालन व्यवसाय से क्षेत्रा की अर्थव्यवस्था अनेक प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष घटकों से लाभान्वित होती है। इस क्षेत्रा के पशुपालन व्यवसाय को समृद्धि बनाने के लिये यह भी आवश्यक है कि यहां पशु आधारित उद्योगों का विकास किया जाए। ऐसा करने से राज्य के पशुपालकों की आय में वृद्धि ही नहीं होगी, बल्कि राज्य के दुग्ध जैसे औद्योगिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
Downloads
##submission.downloads##
प्रकाशित
अंक
खंड
अनुज्ञप्ति
Copyright (c) 2023 खेती
यह काम Creative Commons Attribution-NonCommercial-ShareAlike 4.0 International License के तहत लाइसेंस प्राप्त है.
खेती में प्रकाशित लेखों का कॉपीराइट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पास निहित है, जिसे भारत या विदेश में किसी भी संगठन के साथ किसी भी समझौते में प्रवेश करने का अधिकार है, जो रिप्रोग्राफी, फोटोकॉपी, भंडारण और सूचना के प्रसार में शामिल है। इन पत्रिकाओं में सामग्री का उपयोग करने में परिषद को कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते जानकारी का उपयोग अकादमिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा हो, लेकिन व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं। आईसीएआर को देय क्रेडिट लाइन दी जानी चाहिए जहां सूचना का उपयोग किया जाएगा।