पशुधन एवं दुग्ध व्यवसाय का प्रबंधन

लेखक

  • मयंक दुबे बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा (उत्तर प्रदेश)
  • राहुल कुमार राय बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा (उत्तर प्रदेश)
  • हिमांशु पाण्डेय भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

सार

उत्तर प्रदेश राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्रा में भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों का सामना करने के लिये एकमात्रा विकल्प पशुपालन व्यवसाय ही रह जाता है। क्षेत्रा में जहां एक ओर वर्षा अभाव के कारण कृषि से जीविकोपार्जन करना अत्यंत कठिन होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक रोजगार के अवसर भी नगण्य हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण लोगों ने पशुपालन को ही जीवनशैली के रूप में अपना रखा है। पशुपालन व्यवसाय से क्षेत्रा की अर्थव्यवस्था अनेक प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष घटकों से लाभान्वित होती है। इस क्षेत्रा के पशुपालन व्यवसाय को समृद्धि बनाने के लिये यह भी आवश्यक है कि यहां पशु आधारित उद्योगों का विकास किया जाए। ऐसा करने से राज्य के पशुपालकों की आय में वृद्धि ही नहीं होगी, बल्कि राज्य के दुग्ध जैसे औद्योगिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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प्रकाशित

2023-06-27

अंक

खंड

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कैसे उद्धृत करें

दुबे म., राय र. क., & पाण्डेय ह. (2023). पशुधन एवं दुग्ध व्यवसाय का प्रबंधन. खेती, 76(2), 42-44. https://epatrika.icar.org.in/index.php/kheti/article/view/442